‘रूस-यूक्रेन की लड़ाई से मिली सीख’
राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार किसी भी कीमत पर देश के गौरव और प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने दिखाया है कि अगर दुनिया के किसी भी हिस्से में युद्ध होता है, तो इसे शामिल देशों को लड़ना होगा और कोई तीसरा देश आसानी से शामिल नहीं होगा।
पैंगोंग इलाके की यह है स्थिति
पैंगोंग क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद मई 2020 की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। कई दौर की सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट तथा गोगरा क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की, हालांकि तनाव के कुछ बिंदुओं को लेकर गतिरोध जारी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच तनातनी काफी हद तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बारे में चीन की धारणा के कारण होती है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम के बारे में रक्षामंत्री ने कहा कि यह एक साल से अधिक समय से लागू है।
‘एक साल से संघर्षविराम लागू’
भारत के कद का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘इससे पहले पाकिस्तान संघर्षविराम पर राजी होने के बाद इसका उल्लंघन करता था। लेकिन फिलहाल संघर्षविराम को लागू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन पाकिस्तान इसका उल्लंघन करने का साहस नहीं जुटा पाया है। यह काम कर रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि वामपंथी उग्रवाद अब अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी हिंसा का सिलसिला लगभग खत्म हो गया है।