राजनीतिक पंडित त्रिपुरा उप-चुनाव को 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों से पहले का सेमी-फाइनल करार दे रहे हैं। उनका मानना है कि त्रिपुरा उप चुनाव का रिजल्ट आठ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा। उपचुनाव का फोकस मुख्य रूप से टाउन बोरदोवाली विधानसभा क्षेत्र पर है जहां 69 वर्षीय कांग्रेस से भाजपा नेता बने और मुख्यमंत्री माणिक साहा पांच अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य साहा, जिन्होंने बिप्लब कुमार देब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के एक दिन बाद 15 मई को पदभार ग्रहण किया था, पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। संवैधानिक बाध्यताओं को पूरा करने के लिए, उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। देब के खिलाफ खुले विद्रोह और सीपीएम विधायक रामेंद्र चंद्र देबनाथ की मौत के बाद पूर्व मंत्री सुदीप रॉय बर्मन सहित भाजपा के तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव कराया गया है।
त्रिपुरा में भाजपा की परीक्षा
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने में अभी करीब आठ महीने की देरी है। उससे पहले हो रहे इस उपचुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और ‘सेमीफाइनल’ करार दिया जा रहा है। सभी सीटों पर मुकाबले बहुकोणीय हैं। चार विधानसभा क्षेत्रों- अगरतला, टाउन बोरदोवाली, सूरमा, जुबराजनगर, तीन जिलों- पश्चिम त्रिपुरा, उत्तरी त्रिपुरा और धलाई जिले है। कुल 1,89,032 मतदाता भाजपा, माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य स्थानीय दलों के 22 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे।
आंध्र प्रदेश में क्या है पोजिशन
इस साल फरवरी में तत्कालीन उद्योग मंत्री और विधायक मेकापति गौतम रेड्डी की मृत्यु के कारण आंध्र प्रदेश की आत्माकुर सीट पर उपचुनाव हुआ। गौतम रेड्डी ने 2014 और 2019 में लगातार दो बार आत्माकुरु सीट जीती थी। अब उनके छोटे भाई एवं वाईएसआरसी के उम्मीदवार मेकापति विक्रम रेड्डी उपचुनाव के माध्यम से राजनीति के मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के जी. भारत कुमार यादव से है।
YSR कांग्रेस और BJP के बीच मुकाबला
आंध्र प्रदेश में उद्योगमंत्री एम गौतम रेड्डी के निधन के बाद यहां सीट खाली हुई थी। अनुज विक्रम रेड्डी सत्तारूढ़ वाई एस आर कांग्रेस उम्मीदवार हैं जिनका मुकाबल भाजपा के जी भरत कुमार यादव से है।